June 25, 2018
जानिए ईडब्ल्यूएस और एलआईजी को कैसे फायदा पहुंचाएगी प्रधानमंत्री आवास स्कीम की ब्याज सब्सिडी योजना
जानिए ईडब्ल्यूएस और एलआईजी को कैसे फायदा पहुंचाएगी प्रधानमंत्री आवास स्कीम की ब्याज सब्सिडी योजना
आज हम आपको प्रधानमंत्री आवास योजना, जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और निम्न-आय समूह (LIG) को ब्याज दर सब्सिडी मुहैया कराती है, में होम लोन पाने की प्रक्रिया और योग्यता क्या है, इस बारे में बता रहे हैं।
नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली केंद्र सरकार साल 2022 तक सभी लोगों को खुद का घर मुहैया कराना चाहती है। इस मिशन के तहत सरकार आंशिक रूप से शहरी इलाकों में उधारकर्ताओं के हितों के लिए फंड जुटाने के लिए दो स्कीमें लेकर आई है। पहली स्कीम (जो ब्याज दर सब्सिडी के मामले में उदारवादी है) ईडब्ल्यूएस और एलआईजी के लिए है। दूसरी स्कीम मध्यम आय वर्ग वालों के लिए लाई गई है। आइए आपको इन स्कीमों के बारे में विस्तार से बताते हैं:
होम लोन के ब्याज पर सब्सिडी पाने की योग्यता:
योग्यता को दो भागों में विभाजित किया गया है-पहली कैटिगरी ईडब्ल्यूए और दूसरी कैटिगरी एलआईजी है। यह योजना 2011 की जनगणना के अनुसार 4,041 वैधानिक कस्बों और 274 अतिरिक्त शहरों में आवासीय इकाइयों को अधिग्रहित या निर्माण करने के लिए उपलब्ध है, जो राज्य सरकार द्वारा अलग-अलग नोटिफाई किए गए हैं। इन शहरों की जानकारी http://nhb.org.in/ government-scheme/pradhan- mantri-awas-yojana-credit- linked-subsidy-scheme/ statutory-towns/ से डाउनलोड की जा सकती है।
सब्सिडी के लिए क्वॉलिफाई करने के लिए किसी शख्स या उसकी पत्नी के पास उसके या कुंवारे बच्चे के नाम पर भारत में कहीं भी पक्का घर नहीं होना चाहिए। किसी नए घर के अधिग्रहण या निर्माण के अलावा एक उधारकर्ता भी अपने मौजूदा घर के विस्तार के लिए इस सुविधा का फायदा उठा सकता है चाहे फिर प्रॉपर्टी खुद ली हो या विरासत में मिली हो। अगर उधारकर्ता अपने मौजूदा घर के कमरों, किचन, टॉयलेट इत्यादि में विस्तार करना चाहता है तो पक्के घर की शर्त लागू नहीं होगी। ब्याज सब्सिडी के लिए घर सिंगल यूनिट भी हो सकता है और मल्टीस्टोरी बिल्डिंग का फ्लैट भी। इसमें बुनियादी सुविधाएं और ढांचे जैसे टॉयलेट, पानी, सीवेज, सड़क, बिजली इत्यादि होने चाहिए। घर का एरिया सिर्फ वही माना जाएगा, जिसमें कारपेट बिछाया जा सके। इसका मतलब घर के अंदर और बाहर की दीवारों को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। जो घर इस स्कीम के तहत बनाए या अधिग्रहित किए जाएंगे, वे या तो घर की महिला मुखिया के नाम पर होंगे या पति-पत्नी दोनों के नाम पर। लेकिन अगर परिवार में कोई वरिष्ठ महिला सदस्य नहीं है तो पुरुष सदस्य के नाम पर घर लिया जा सकता है।
आय योग्यता, उपलब्ध ब्याज सब्सिडी की दर और फायदे क्या होंगे, यह भी जान लीजिए:
विवरण | EWS | एलआईजी |
परिवार की सालाना आय | रु 3 लाख तक | रु 3 लाख से रु 6 लाख तक |
हाउस एरिया | 30 स्क्वेयर मीटर्स तक कारपेट एरिया | 60 स्क्वेयर मीटर्स तक कारपेट एरिया |
ब्याज सब्सिडी की दर | 6.50% | 6.50% |
सब्सिडी के लिए अधिकतम लोन योग्यता | रु 6 लाख | रु 6 लाख |
अधिकतम लोन अवधि | 20 साल | 20 साल |
इस स्कीम के तहत अधिकतम सब्सिडी 2,67,280 रुपये हो सकती है। अगर लोन राशि 6 लाख से कम है तो सब्सिडी की राशि अनुपातिक रूप से कम हो जाएगी। सब्सिडी के फायदे केवल 17 जून 2015 या उसके बाद बांटे गए लोन के लिए उपलब्ध है।
कैसे दी जाती है सब्सिडी:
इस स्कीम के तहत सब्सिडी कुल लोन देयता में कटौती के तौर पर अग्रिम राहत के रूप में दी गई है।
ब्याज सब्सिडी की मौजूदा वैल्यू की गणना 6.50 प्रतिशत पर की जाती है, जिसमें लोन की अधिकतम अवधि 20 साल और अधिकतम लोन राशि 6 लाख रुपये होती है। 6.50% पर ब्याज के फ्यूचर आउटफ्लो की 9 प्रतिशत पर कटौती की जाती है और जो मौजूदा वैल्यू आएगी, वह उधारकर्ता द्वारा लिए गए असली लोन राशि से कम होगी।
सब्सिडी बेनिफिट्स की मौजूदा वैल्यू द्वारा वास्तविक लोन की राशि कम हो जाती है। यह उधारकर्ता की लायबिलिटी होती है और ब्याज दर पर सहमति के आधार पर ईएमआई की गणना की जाती है।
अगर उधारकर्ता 6 लाख से ज्यादा का लोन लेता है तो सब्सिडी की राशि 6 लाख पर सीमित हो जाएगी। अतिरिक्त लोन राशि पर बैंक की ब्याज दर लगेगी। हालांकि कर्जदाता को उधारकर्ता को सब्सिडी का भुगतान तुरंत करना पड़ता है। कर्जदाता को ब्याज सब्सिडी की रकम तब मिलेगी, जब उसका क्लेम रजिस्टर्ड होने के बाद नोडल एजेंसियों द्वारा प्रोसेस किया जाएगा। यही कारण है कि कर्जदाता सरकार की इस लाभकारी योजना को बढ़ावा देने के लिए तैयार नहीं हैं।
इस स्कीम के तहत कर्जदाताओं को खुद को NHB या HUDCO जैसी नोडल एजेंसियों के पास रजिस्टर्ड कराना होगा। होम लोन मुहैया कराने के लिए कई संस्थान इस व्यवसाय में शामिल हैं, जैसे शेड्यूल्ड बैंक, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां, रीजनल रूरल बैंक (आरआरबी), स्टेट कॉरपोरेटिव बैंक्स और अरबन कॉरपोरेटिव बैंक। इसमें छोटे वित्तीय बैंक और एनबीएफसी जैसे माइक्रो फाइनेंस इंस्टिट्यूशंस भी शामिल हैं। इस स्कीम के तहत लोन देने वाले अन्य संस्थानों को भी सरकार नोटिफाई कर सकती है।
लोन आवेदन के लिए प्रोसेसिंग फीस:
इस स्कीम के तहत कर्जदाताओं को किसी भी तरह की प्रोसेसिंग फीस उधारकर्ताओं से वसूलने की इजाजत नहीं है। इसलिए सब्सिडी की राशि के रीइंबर्समेंट के अलावा 6 लाख तक की राशि की लोन एप्लिकेशन प्रोसेसिंग की लागत को कवर करने के लिए कर्जदाताओं को 3000 रुपये की एकमुश्त राशि दी जाएगी। 6 लाख से ज्यादा के अतिरिक्त लोन के लिए कर्जदाता आम प्रोसेसिंग फीस वसूल सकते हैं।
बैलेंस ट्रांसफर: हालांकि उधारकर्ता को मौजूदा होम लोन शिफ्ट कराने की इजाजत है, जिसके तहत वह सब्सिडी का फायदा ले चुका है। लेकिन उधारकर्ता फिर से एेसे बैलेंस ट्रांफसर पर सब्सिडी क्लेम नहीं कर सकता। इसके अलावा आप नोटिफाइड डेट के बाद अपने मौजूदा होम लोन को ट्रांसफर करके इस योजना का फायदा नहीं ले सकते, क्योंकि यह तभी मिलेगा, जब आप पहले घर का अधिग्रहण या निर्माण कराएंगे। जरूरी नहीं कि जो घर खरीदा हो, वह नया ही हो। वह किसी अन्य मालिक या बिल्डर का रीसेल हाउस भी हो सकता है।
(लेखक 30 साल के अनुभव के साथ कराधान और गृह वित्त विशेषज्ञ हैं)
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